शुभांशु की उड़ान नये युग की शुरुआत, पढ़ें पीके जोशी का...
-पीके जोशी-
(प्रोफेसर, जेएनयू)
Shubhanshu Shukla : अपने नाम के अनुरूप भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने राष्ट्रीय गौरव और वैज्ञानिक प्रगति का हिस्सा बनकर इतिहास रच दिया है. स्क्वॉड्रन लीडर राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले वह दूसरे भारतीय बने, जबकि आइएसएस (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) में पहुंचने होने वाले तो वह पहले भारतीय ही हैं. राकेश शर्मा 1984 में अंतरिक्ष में पहुंचे थे. स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट और क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ग्रेस के जरिये लांच किये गये इस मिशन में शुभांशु ने मिशन 4 (एएक्स-4) का हिस्सा बनकर उड़ान भरी, जो एक्सिओम स्पेस द्वारा नासा, स्पेस एक्स और इसरो के सहयोग से आयोजित एक निजी अंतरिक्ष मिशन है. मिशन पायलट के रूप में शुभांशु एक अंतरराष्ट्रीय टीम का हिस्सा हैं, जिनमें अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं.
यह एक बड़ी उपलब्धि है, जो यह तो बताती ही है कि वैश्विक मानव अंतरिक्ष उड़ानों में भागीदारी लगातार बढ़ रही है, यह अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन तक पहुंच रखने वाले देशों की कतार में भारत की मजबूत स्थिति के बारे में भी बताती है. यह मिशन भारत के स्वदेशी गगनयान योजना के लिए पुल की तरह है तथा भविष्य में कई मानवयुक्त मिशनों, बिना क्रू वाली उड़ानों और 2035 तक अपने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन की स्थापना में मददगार होने वाला है. अंतरिक्ष अभियानों के लिए भी यह अनुभव, जाहिर है, बेशकीमती साबित होगा. अंतरिक्ष में शुभांशु के काम, प्रयोग और आइएसएस के प्रोटोकॉल को जानने का अनुभव इसरो के प्रशिक्षण और मिशन की........
© Prabhat Khabar
