menu_open Columnists
We use cookies to provide some features and experiences in QOSHE

More information  .  Close

100 Years of RSS : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की यात्रा कैसे बनी सुगम

9 0
02.10.2025

-दत्तात्रेय होसबाले, सरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ –

100 Years of RSS : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्य को अभी सौ वर्ष पूर्ण हो रहे हैं.इस सौ वर्ष की यात्रा में कई लोग सहयोगी और सहभागी रहे हैं.यह यात्रा परिश्रम पूर्ण और कुछ संकटों से अवश्य घिरी रही, परंतु सामान्य जनों का समर्थन उसका सुखद पक्ष रहा.आज जब शताब्दी वर्ष में सोचते हैं तो ऐसे कई प्रसंग और लोगों का स्मरण आता है, जिन्होंने इस यात्रा की सफलता के लिए स्वयं सब कुछ समर्पित कर दिया.

प्रारंभिक काल के वे युवा कार्यकर्ता एक योद्धा की तरह देश प्रेम से ओत-प्रोत होकर संघ कार्य हेतु देशभर में निकल पड़े. अप्पाजी जोशी जैसे गृहस्थ कार्यकर्ता हों या प्रचारक स्वरूप में दादाराव परमार्थ, बालासाहब व भाऊराव देवरस बंधु, यादवराव जोशी, एकनाथ रानडे आदि लोग डॉक्टर हेडगेवार जी के सान्निध्य में आकर संघ कार्य को राष्ट्र सेवा का जीवनव्रत मानकर जीवन पर्यन्त चलते रहे.

संघ का कार्य लगातार समाज के समर्थन से ही आगे बढ़ता गया.संघ कार्य सामान्य जन की भावनाओं के अनुरूप होने के कारण शनैः शनैः इस कार्य की स्वीकार्यता समाज में बढ़ती चली गई.स्वामी विवेकानंद से एक बार उनके विदेश प्रवास में यह पूछा गया कि आपके देश में तो अधिकतम लोग अनपढ़ हैं, अंग्रेज़ी तो जानते ही नहीं हैं, तो आपकी बड़ी-बड़ी बातें भारत के लोगों तक कैसे पहुंचेगी? उन्होंने कहा कि जैसे चीटियों को........

© Prabhat Khabar