आत्मनिर्भर भारत का प्रदर्शन है मिसाइल परीक्षण, पढ़ें संजय बनर्जी का लेख
संजय बनर्जी
कर्नल (रिटायर्ड)
Atmanirbhar Bharat: भारत ने 16-17 जुलाई को तीन मिसाइलों का परीक्षण कर एक तरह की सनसनी उत्पन्न कर दी, जिनमें से दो परमाणु सक्षम हैं. हालांकि मिसाइलों का परीक्षण कोई नयी बात नहीं है. यह एक नियमित प्रक्रिया है, जो नयी मिसाइलों के साथ-साथ पहले से सेवा में मौजूद मिसाइलों के लिए आजमायी जाती रही है, पर चूंकि ये तीनों परीक्षण चौबीस घंटे के भीतर किये गये और वह भी ऑपरेशन सिंदूर के बाद हाल के भारत-पाकिस्तान संघर्ष और भारत-चीन संबंधों के मद्देनजर, ऐसे में हमारे पूर्वी और पश्चिमी पड़ोस में भू-राजनीतिक माहौल को देखते हुए ये परीक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाते हैं. तीनों परीक्षण भारतीय सशस्त्र बलों के सामरिक बल कमान के तत्वावधान में किये गये. परीक्षण की गयी मिसाइलों में से दो- अग्नि-1 और पृथ्वी-2 शॉर्ट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल (एसआरबीएम) हैं, जो पारंपरिक गैर-परमाणु हथियारों के साथ ही परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम हैं.
जहां पृथ्वी-2 की मारक क्षमता 250 से 350 किलोमीटर है और इसकी पेलोड क्षमता 500 से 1000 किलोग्राम तक है, वहीं अग्नि-1 की मारक क्षमता 700 से 1200 किलोमीटर है और यह 1000 किलोग्राम तक का पेलोड ले जाने में सक्षम है. सतह से सतह पर मार करने वाली इन दोनों मिसाइलों का........





















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