संबंधों में बाधक हैं ट्रंप के गैरजिम्मेदाराना बयान
Donald Trump : पिछले कुछ हफ्तों में भारत-अमेरिका संबंधों में काफी खटास आयी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक के बाद एक आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं, जबकि भारतीय पक्ष रक्षात्मक मुद्रा में उन्हें नजरअंदाज करने की कोशिश कर रहा है. दोनों पक्षों ने पिछले ढाई दशकों में मजबूत संबंध बनाने के लिए अथक प्रयास किये हैं, लेकिन ट्रंप के बयान और नीतियां उस प्रक्रिया को अस्थिर कर सकती हैं. आपसी संबंध ऐसे मोड़ पर पहुंच गये हैं, जिस पर अगर ध्यान नहीं दिया गया, तो रिश्ता और भी खराब हो सकता है. इस कड़वाहट के मुख्य कारण ट्रंप के गैरजिम्मेदाराना बयान और संरक्षणवादी नीतियां हैं. उन्होंने टैरिफ, भारत-पाक युद्धविराम और एप्पल के निवेश पर आपत्तिजनक बयान दिये हैं.
ट्रंप को यह भ्रम है कि ‘महाशक्ति’ के नेता के रूप में उनकी तुच्छ टिप्पणियों से कोई गंभीर परिणाम नहीं निकलेगा. उनका यह भी मानना है कि उनके पास विश्व व्यवस्था को बदलने की दूरदृष्टि है. हकीकत में, ट्रंप जमीनी हकीकत से कोसों दूर नजर आते हैं. अपने वफादारों से घिरे होने के कारण उन्हें शायद यह भी पता नहीं है कि दुनिया भर के लोग उनके बारे में क्या सोचते हैं. अन्य राष्ट्र नेता किसी भी पारस्परिक टिप्पणी से बच रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि ट्रंप को जल्द ही अपनी सीमाओं का अहसास हो जाएगा.
वे जानते हैं कि ट्रंप आलोचनाओं को व्यक्तिगत रूप से लेते हैं और इससे अमेरिका के साथ संबंधों पर असर पड़ेगा. लेकिन यह अहसास बढ़ रहा है कि ट्रंप असहनीय होते जा रहे हैं और उनकी नीतियों........
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