भारतीय पारंपरिक विधि ज्ञान तथा सर्वोच्च न्यायालय
–डॉ रश्मि सिंह राणा, विभागाध्यक्ष, विधिक अध्ययन बनस्थली विद्यापीठ–
Supreme Court : सर्वोच्च न्यायालय भारतीयों के लिए न्याय का प्रथम तथा अंतिम सहारा है. भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने ऐतिहासिक निर्णयों से ना सिर्फ लोकतंत्र की सच्ची नींव रखी अपितु एक संस्था के रूप में अपनी साख को भी संजोये रखा. सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीयों के मूलभूत अधिकारों को और संविधान के आधारभूत ढांचे को सुरक्षित बनाये रखने में अपनी अहम भूमिका निभाई है. सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न अवसरों पर अपने निर्णयों की दक्षता के माध्यम से भारतीय नागरिकों की अपेक्षाओं और इच्छाओं को सिद्ध किया.
कई बार ऐसा भी हुआ कि भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों पर सवाल उठे, जैसे कि भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय अत्यधिक लंबे, भाषा की दृष्टि से जटिल और क्लिष्ट होते हैं तथा भारतीय सर्वोच्च न्यायालय अपने निर्णयों में विदेशी न्यायिक दृष्टांतों (नजीरों) पर अत्यधिक निर्भर रहते हैं, किंतु यह सत्य नहीं. भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के संदर्भ में बनस्थली विद्यापीठ में किए गए एक शोध में इस मिथक के विरुद्ध निष्कर्ष प्रस्तुत किए गए.
इस शोध में दी गई तालिका से यह स्पष्ट होता है कि सर्वोच्च........
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