आयोग ने सवालों के जवाब नहीं दिये
Election Commission : चुनाव आयोग की विशेष प्रेस कांफ्रेंस ने सिर्फ ज्ञानेश कुमार गुप्ता का कद छोटा नहीं किया. महज चुनाव आयोग की साख नहीं घटी. ऐसी घटना हर हिंदुस्तानी का माथा नीचा करती है. मैं दुनिया भर में भारत की चुनावी प्रणाली का गुणगान करता था. इंग्लैंड को भारत के चुनाव आयोग से प्रक्रियाएं सीखने को कहा था. और अमेरिका को नसीहत दी थी कि बिना पक्षपात के चुनाव संपन्न करना भारत की चुनावी व्यवस्था से सीखना चाहिए. पिछले कुछ वर्षों में उसी चुनाव आयोग की कारस्तानियों ने भारतीय चुनाव व्यवस्था की साख धूल में मिला दी है.
चुनाव आयोग द्वारा आयोजित प्रेस कांफ्रेंस का संदर्भ समझिए. उससे कोई दस दिन पहले संसद में नेता विपक्ष राहुल गांधी पहले महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट के फर्जीवाड़े के आरोप लगाने के बाद कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र में वोटर लिस्ट धांधली के गंभीर प्रमाण देश के सामने रख चुके थे. बिहार में वोटर लिस्ट के गहन पुनरीक्षण पर गहन प्रश्न उठ चुके थे. जनमत सर्वेक्षण दिखा रहे थे कि चुनाव आयोग की साख अपने ऐतिहासिक न्यूनतम से नीचे गिर चुकी है. बिहार के सभी विपक्षी दलों के मुख्य नेता रविवार को वोटबंदी के विरुद्ध ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की शुरुआत करने वाले थे. चुनाव आयोग ने........
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