बंद अर्थव्यवस्था से चौथी आर्थिक महाशक्ति
Economic Superpower : लिवरपूल और मैनचेस्टर की मिलों को कच्चा माल और तैयार बाजार उपलब्ध कराने वाली एक बंदी अर्थव्यवस्था (कैप्टिव इकोनॉमी) से दुनिया की चौथी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनने तक, भारत की अर्थव्यवस्था ने एक लंबा रास्ता तय किया है. भारत का आर्थिक परिवर्तन शुरुआती दशकों में नयी इस्पात मिलों, बहुउद्देश्यीय बांधों, परमाणु ऊर्जा संयंत्रों, ऑटोमोबाइल कारखानों जैसे ‘आधुनिक भारत के मंदिरों’ के निर्माण के साथ शुरू हुआ था. और 1980 के दशक के अंत तक, भारत ने अपने विदेशी व्यापार को उदार बनाया और कंप्यूटरीकरण तथा दूरसंचार क्रांति को उसके प्रारंभिक रूप में अपनाया. देश की अर्थव्यवस्था में वास्तविक परिवर्तन 1991 में तब शुरू हुआ, जब भारत ने अधिक बाजार अनुकूल नीतियां लागू कीं. इक्कीसवीं सदी में, देश ने नयी तकनीक- रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल तकनीक आधारित उद्योग और ई-कॉमर्स- को अपनाकर चौथी औद्योगिक क्रांति की शुरुआत की.
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की बात करें, तो 2011-12 को आधार वर्ष मानते हुए, देश की जीडीपी 1950-51 से लगभग 35 गुना बढ़ गयी है. वर्ष 1950-51 में जहां यह पांच लाख........
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