ऑपरेशन सिंदूर: आधुनिक युद्ध में एक निर्णायक जीत
Operation Sindoor: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को पूरी तरह से समाप्त घोषित नहीं किया है. अभी जो मौजूद है, वह ऑपरेशन में एक संवेदनशील ठहराव है – कुछ लोग इसे युद्ध विराम कह सकते हैं, लेकिन सैन्य नेतृत्व ने जानबूझकर इस शब्द से परहेज किया है. युद्ध लड़ने के दृष्टिकोण से, यह केवल एक विराम नहीं है; यह एक दुर्लभ और स्पष्ट सैन्य जीत के बाद एक रणनीतिक पकड़ है. केवल चार दिनों की सुविचारित सैन्य कार्रवाई के बाद, यह वस्तुनिष्ट रूप से निर्णायक है: भारत ने एक बड़ी जीत हासिल की. ऑपरेशन सिंदूर ने अपने रणनीतिक लक्ष्यों को पूरा करने और उससे आगे निकलने में सफल रहा है- आतंकवादी ढांचे को नष्ट करना, सैन्य श्रेष्ठता का प्रदर्शन करना, निवारक क्षमता बहाल करना और एक नए राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत का सामने आना. यह प्रतीकात्मक शक्ति नहीं थी. यह निर्णायक शक्ति थी, जिसे स्पष्ट रूप से प्रयोग में लाया गया था.
भारत पर हमला हुआ. 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में 26 भारतीय नागरिक, जिनमें ज़्यादातर हिंदू पर्यटक थे का नरसंहार कर दिया गया. पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के एक सहयोगी संगठन, द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने इसकी जिम्मेदारी ली. जैसा कि दशकों से होता आया है, इस समूह को पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) का समर्थन प्राप्त है.लेकिन पिछले हमलों के विपरीत, इस बार भारत ने इंतज़ार नहीं किया. उसने अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की अपील नहीं की या राजनयिक विरोध पत्र जारी नहीं किया. इसने युद्धक........
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