Labour Day : गिरमिटिया मजदूरों का अविस्मरणीय मुक्ति संघर्ष
Labour Day : वर्ष 1886 में एक मई को अपने काम के घंटे कम करने को लेकर आंदोलित मजदूरों पर शिकागो में पुलिस द्वारा की गयी बर्बर गोलीबारी की स्मृति में एक मई को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है, पर उससे शताब्दियों पहले से ब्रिटिश साम्राज्य ने भारत समेत अपने ज्यादातर उपनिवेशों में मजदूरों पर गिरमिटिया मजदूरी की जो दारुण प्रथा थोप रखी थी, उस पर अब कम ही बात होती है.
ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा किये जा रहे निरंतर शोषण ने सत्रहवीं शताब्दी तक आम देशवासियों की हालत इतनी पतली कर दी थी कि उनके लिए अपना पेट भरना भी बड़ी समस्या हो गयी थी, पर ब्रिटिश साम्राज्य को इस समस्या को हल करने में कोई दिलचस्पी नहीं थी. बल्कि इससे उन्हें मजदूर बनाकर अपने दूसरे उपनिवेशों में भेजने का उसका काम आसान हो गया था. उसके इस काम ने आगे चलकर प्रथा का रूप ले लिया तो उसे गिरमिटिया मजदूरी की प्रथा कहा जाने लगा. इस प्रथा की शर्तें स्वीकारते ही मजदूर हर तरह के हक-हकूक से वंचित हो जाते थे. इन मजदूरों को भारत से दूसरे उपनिवेशों में भेजने से पहले उनकी सहमति के नाम पर उनके........
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